Saturday 1 October 2011

जिंदगी में निराशा???

इंसान कभी कभी छोटी बात को भी बड़ा बना कर निराश हो जाता है ...कभी खेल में हार,कभी रिश्तो में हार,कभी दोस्ती में हार ,और कभी प्यार में धोखा.
लेकिन क्या निराश हो जाने से हम जीत जायेंगे???नहीं हमे कभी भी निराश नहीं होना चाहिए...
अब प्रश्न उठता है की क्यों न हो निराश,दुःख तो होता है...
हमेशा याद रखे "इश्वर जो करता है अच्छा ही करता है"
अगर भगवन नहीं चाहता की ऐसा हो तो नहीं होगा...शायद उसके पास तुम्हारे लिए और कुछ  अच्छा हो...तुम्हारे लिए एक बड़ा लक्ष्य हो,जिसे तुम ही जीत सकते हो..तुम ही हासिल कर सकते हो....
इसलिए मेरे दोस्त जिंदगी में कितनी भी परेशानी आ जाये मुस्कुराते हुए उसे सहो और मजबूत बनो,उससे अच्छा  करने की कोशिश करो ,जीत तुम्हारी होगी....
भगवन हमारा पिता भी है और कोई भी पिता अपने पुत्र के साथ गलत नहीं करता इसलिए उसपर हमेशा  भरोसा रखो....
ब्रह्मदेव वेदालंकार
(09350894633 )
 

2 comments:

  1. व्यवहार में धोखा आदि हो जाने पर वह ईश्वर करता है, या मनुष्य . यदि मनुष्य करता है, तो ईश्वर पर दोष क्यों ?

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  2. यदि हमारे व्यव्हार से धोखा हो,हम असफल हो तो इसमें इश्वर का कोई दोष नहीं...क्युकी इश्वर ने हमे अवसर प्रदान किया लेकिन हम अगर उस अवसर का सदुपयोग नहीं कर पाते तो इसमें हमारा दोष...

    कथन मात्र इतना है की यदि परिश्रम करने के बाद भी यदि हम विजयी न हो तब निराश नहीं होना चाहिए....लेकिन अगर व्यक्ति परिश्रम ही न करे तो इसमें हमारा ही दोष है....

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