Friday 3 October 2014

|| आज फिर रावण जलेगा...राम जीतेंगे !! ||

अब से कुछ देर बाद आप रावण-दहन देखेंगे ,रावण के पुतले को बड़े ही उत्साह के साथ, 'जय श्री राम' के नारो के साथ जला दिया जायेगा |और उसके बाद.......उसके बाद आप अपनी वही दैनिक कार्यो में व्यस्त हो जायेंगे.....
आईये २ मिनट का चिंतन कर लेते है ....
दशहरा (विजयादशमी) का यह त्योहार इसलिए मनाया जाता है क्योकि श्री राम ने आज ही के दिन बुराई के प्रतीक -रावण का वध किया था.तभी से हमने निश्चय किया की हम इस दिन को त्योहार के रूप में मनायेगे |अगर आप वाल्मीकि रामायण को पढ़े तो आपको यह ज्ञात हो जायेगा की रावण बहुत ही बुद्धिमान,ज्ञानी एवं तपस्वी व्यक्ति था.अनेको सिद्धियों से युक्त था,विज्ञान का बहुत ही अच्छा ज्ञान रखता था.यहाँ तक की कुछ इतिहासकार एवं उपदेेशक रावण को उस समय का सबसे बुद्धिमान और ज्ञानी भी मानते है |लेकिन रावण के अंदर सिर्फ एक बुराई थी -अहंकार (घमंड)|एक यही दुर्गुण के कारण रावण क्षति को प्राप्त हुआ ,उसका श्री राम ने वध किया और आज हम राम को पूजते है रावण को नहीं .
मित्रो, एक बुराई भी इंसान के लिए कितनी घातक है ,बुरी है उसका ये सबसे अच्छा उदहारण है |आज हम रावण को तो जलाते है लेकिन इस सन्देश को नहीं समझते की रावण को क्यों जला रहे है | "राम ने रावण को नहीं मारा,अपितु रावण को उसकी बुराई ने मारा " यह अगर कहे तो गलत नहीं होगा| आज जरुरत है की आज के दिन हम अपने अंदर की कम से कम एक बुराई को पहचाने ,अभिमान,क्रोध,लोभ,चोरी, बेईमानी,अति-मोह, हिंसा चाहे वो जो कुछ भी हो....निश्चय करिये की इस एक बुराई को आप और हम आज जरूर पहचानेंगे और जब रावण दहन शाम को टीवी पर देखेंगे तो साथ में इस बुराई को भी दहन कर देंगे ,इस बुराई को भी जला देंगे....यह इतना आसान नहीं है ,मुश्किल है | लेकिन आपकी इच्छाशक्ति,दृढ़संकल्प के सामने कुछ भी नहीं है|आपको समय लगेगा लेकिन आप बुराई से जरूर विजय पा सकते है|आज संकल्प लें की अगले साल के विजयादशमी के पर्व तक हम इस बुराई से विजयी हो जायेंगे |
इस बुराई से विजय प्राप्त करना,इस बुराई को छोड़ देना ही सच्चे अर्थो में विजयादशमी का पर्व है | राम ने तो रावण को मारा लेकिन आपने क्या किया? कभी अपने से ये भी तो पूछिये | आज हम सब राम बन सकते है ,जरूर बनेंगे ये संकल्प करिये ,और मैं विश्वास के साथ कहता हू की यह संकल्प आपके अंदर इस पर्व के प्रति और उत्साह भर देगा |
कल जब आप अपने नित्य कार्यो से अपने ऑफिस आदि जायेंगे तो आपके मित्र पूछेंगे-"भाई दशहरा पर क्या किया?" |मित्रो तब गर्व से कहियेगा की लोगो ने तो रावण के पुतले को जलाया,मैंने अपने अंदर के रावण को जलाया है और मैं सच्चे अर्थो में 'भगवन' श्रीराम के साथ विजयी हुआ हू |

इस सन्देश को अपने तक न रखे,अपने बच्चो,अपने मित्रो ,दोस्तों को सभी को दे और पालन करके सच्चे अर्थो में विजयादशमी(दशहरा) को मनाये.....विजयादशमी की बहुत बहुत शुभकामनाएं |
धन्यवाद
-ब्रह्मदेव वेदालंकार