Saturday, 12 November 2011

सूर्य को पूजना छोड़ कर उसके सन्देश को ग्रहण करो ,पर क्या है सन्देश?


सीखना एक कला है | इंसान अपने जीवनकाल में निरंतर ,प्रतिदिन,हरपाल सीखता है.....सीख कर और उस पर चल ही जीवन को उत्क्रष्ट बनाया जा सकता है | हमे निरंतर ज्ञान अर्जित करके उससे अपने जीवन और सुखमयी बनाना चाहिए लेकिन अपने लक्ष्य को भी नहीं भूलना चाहिए..
इस संसार में हर वास्तु चाहे वो छोटी हो या बड़ी हमे सिखाती है...जैसे सूर्य को देखिये,सूर्य हमेशा समय से उदय होता है और समय से अस्त होता है ,पर सूर्य से हमने क्या सीखा ?क्या हम अपने काम को समय से करते है...हम कहते है 'कल' करेंगे ,क्यों?क्या सूर्य ये कह दे की आज मैं उदय नहीं होऊंगा,तो क्या ये सृष्टि चल सकती है?निश्चित ही उत्तर है 'नहीं"
 दूसरा,अगर आप ध्यान दे तो देखेंगे कि सूर्य नदी से जल लेता है (water lifecycle -evaporation ) ,सरोवर से जल लेता है,नाले से जल लेता है परन्तु जहाँ से भी जल लेता है चाहे वो स्वच्छ जल हो या गन्दा हो लेकिन हमेशा सूर्य स्वच्छ जल ही ग्रहण करता है.....नाला ही देख लीजिये लेकिन जब सूरज वहां से जल लेता है तो गन्दा जल नहीं लेता....अर्थात मित्रो जीवन में कोई कितना ही गिरा हुआ क्यों न हो,कोई कितना ही गन्दा हो लेकिन आप  हमेशा अच्छी बातो को ग्रहण करो,अच्छे विचारो को ग्रहण करो,अच्छे संस्कारो को प्राप्त करो लेकिन बुरे विचारो को कभी प्राप्त मत करो...सूर्य जैसे प्रकाशवान बनो,इसलिए स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने  भी कहा कि "सत्य कि ग्रहण करने और असत्य के छोड़ने में सदैव तैयार रहो" |हमें स्वयं अपने लिए पुरुषार्थ करना है दूसरों की कमाई पर नहीं जीना दूसरों के परिश्रम का फल नहीं खाना .....सूर्य को पूजना छोड़ कर उसके सन्देश को ग्रहण करो ,यही सूर्य देवता कि सच्ची पूजा है...पर यदि आप इन बातो ओ ग्रहण नहीं करते तो सूर्य कि पूजा करना व्यर्थ है........|यही वेद का सन्देश है...इस पर चले और निरंतर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने कि ओर बढे.

ब्रह्मदेव वेदालंकार
(09350894633)

arya samaj mandir in vivek vihar,now contact for any religious vedic services in east delhi,vivek vihar,anand vihar,surajmal vihar,yojna vihar.arya samaj mandir in vivek vihar,arya samaj mandir,yagya,hawan in vivek vihar,arya samaj purohit,arya samaji purohit in vivek vihar delhi,new delhi

4 comments:

  1. Bahut hi aacha lekh hai aapka.....
    om

    ReplyDelete
  2. नमस्ते जी ! अच्छा लेख है प्रसंशा योग्य है धन्यवाद

    ReplyDelete
  3. Is soch ke liye aap ko badhai. Aap ke lekh padh swam par vishwas or sabalta ka anubhav hota hai. Apka bahut bahut Dhanyavaad.

    ReplyDelete
  4. namaskar.swami ji apka lekh bahut hi acha laga aur is bat ko jivan me utar kar in baton ko sarthak karne ka prayas karunga.

    ReplyDelete