इस जीवन में सुख भी है और दुःख भी है | सुख का अर्थ है प्रकाश और दुःख का अर्थ अँधेरा है | परमात्मा प्रकाश वाला है ,अर्थात मित्रो जहाँ आप परमात्मा से पास है वहां सुख है और जहाँ आप परमात्मा से दूर है वहां दुःख है ....जिस प्रकार अँधेरा आने पर हम प्रकाश की कामना करते और दुःख आने पर सुख की कामना करते है ...मेरे मित्रो जब आप हमेशा इश्वर के निकट बने रहेंगे उसका ध्यान करेंगे उसका धन्यवाद करेंगे तो निश्चित रूप से आप उस प्रभु के निकट रहेंगे,प्रकाश के निकट रहेंगे अर्थात आप सुख में रहेंगे.....
इसलिए मित्रो हमेशा उस प्रकाशवान परमपिता परमात्मा का धन्यवाद करते हुए उसका ध्यान करे और उसके समीप रहे तो निश्चित रूप से आपको दुःख नह्ही होगा.....जब आप यह समझेंगे की सब प्रभु का है और प्रभु ही करने वाला है तो फिर चिंता कैसी,दुःख किस बात वही आपको मार्ग दिखायेगा ,सत्य की और ले जायेगा...व्यर्थ में चिंता न करे,अपना कर्त्तव्य कर्म करे,निश्चित ही विजय आपकी होगी.........
यही एक कारण है जो संत महात्मा हमेशा इश्वर का ध्यान करने को कहते है ,ओ3म का जप करने को कहते है ताकि आप इश्वर के निकट रहे और सुख में रहे.....
ब्रह्मदेव वेदालंकार
(09350894633)
very nice article
ReplyDelete-sumit arya
http://aryasamajjhansi.blogspot.com
ओ3म शब्द महान है।
ReplyDelete