Friday, 4 November 2011

क्यों करे अच्छे लोगो का संग??क्या है अच्छे विचारों का महत्व ??


मिट्टी के ठेले से सुगंध आ रही थी और दूसरे से दुर्गन्ध | जब दोनों आपस में मिले तो बात करने लगे की हम दोनों एक ही मिट्टी के बने है फिर ये  अंतर कैसा? | सुगन्धित ठेले ने कहा की सत्संगति का असर है ,मुझे गुलाब के निचे पड़े रहने का अवसर मिला और तुम गोबर के निचे दबे रहे...| यही है सत्संगति का असर |
आचार्य चाणक्य ने कहा है सत्संग से दुष्ट एवं दुर्जन पुरषों में सज्जनता अवश्य आ जाती है लेकिन दुष्टों के संग से सज्जनों में दुष्टता नहीं आती ....|स्वाति नक्षत्र से गिरने वाली बूँद एक ही होती है लेकिन उसके कई रूप होते है....कमल पर पड़ी तो मोती का आकर लगती है,वही बूँद सीप पर पड़े तो मोती बन जाती है ,लेकिन वही बूँद यदि सांप के मुख में गिरे तो जहर बन जाती है .....
इसलिए अपने अन्दर की बुरइयो को निकल फेंके ..अच्छे लोगो के साथ रहे जिससे आप तक अच्छे विचार पहुचे और आप उनसे अपना जीवन और आनंदमयी बना सके...
यदि आपका घर छोटा है और नया सामान  रखने की जगह नहीं है तो आप क्या करेंगे ??पहले पुराना सामान जो काम का नहीं है उसको निकालेंगे,जगह बनायेंगे और नया सामान  लायेंगे...यही बात आप अपने जीवन में क्यों नहीं अपनाते?जब तक आप अपने अन्दर की बुराइयों ,कमियों को बाहर नहीं निकालेंगे तब तक कोई अच्छाई ,अच्छा गुण ,संस्कार आपके अन्दर कैसे आएगा???विचार करे...



ब्रह्मदेव
(09350894633 )




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