कहा गया है की "न ऋते श्रान्तस्य सख्याय देवा: " अर्थात बिना परिश्रम के तो देवो की भी मैत्री नै मिलती..हमारे ऋषि मुनियों ने ,अमर ग्रन्थ वेद ने हमे यही ज्ञान दिया यदि कोई व्यक्ति परिश्रम,म्हणत करता है तो उसे उसका फल जरूर मिलता है...इसलिए कभी हार न माने..सफलता की ओर बढ़ना है तो मेहनत करे क्योकि कहा गया है की "श्रमेव जयते" अर्थात परिश्रम की ही जीत होती....
अतः जीवन में विजय प्राप्त करने के लिए आलस्य छोड़कर,परिश्रम का मार्ग अपनाये...
pt. Brahm Dev Vedalankar
(09350894633)
A very good thought aacharya ji...we hope you will regularly update us with such good thoughts....
ReplyDeletesir,safalta to parishram se hi milti hai aur hume parishram karna chahiye...thanks for motivating...
ReplyDeletepandit ji,aapke margdarshan ke liye dhanyavad,aap aise hi humara margdarshan karte rahe
ReplyDeletethank you
it is universal truth sir....
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