जीवन में अगर मुश्किल न हो,कष्ट न हो तो जीवन नीरस हो जायेगा....जिस प्रकार से रोज रोज मीठा खाते खाते कुछ दिन बाद मीठा खाने का मजा नहीं आता ठीक उसीप्रकार से अगर हमारे जीवन में हरपाल सुख रहेगा तो हम सुख का भी आनंद नहीं ले पाएंगे. इसीलिए इश्वर ने यह व्यवस्था बनायीं कि कर्म के अनुसार दंड देना, जिसकी वजह से हम कष्ट भी सहते है और सुख भी भोगते है...
जीवन में कभी दुःख के समय घबराये नहीं,उस चुनौती का सामना करे...ये जीवन भी रण है और इस रण में हमे विजय प्राप्त करनी है...कही इश्वर को दोष न दे अपितु अपने अन्दर कि कमियों को दूर करे....
सत्य पथ पर चले और जीवन में सुख समृधि प्राप्त करते हुए आगे बढे...
sir ,apne jo padhaya woh abhi bhi yaad hain
ReplyDelete"gita ka saar:karmanya vadika raste,maa faleshu kadachaana"